Q.1 निम्नलिखित में से क्या झील हैं (वैटलैंड) ?
1. दलदल (स्वैम्प)
2. मैंग्रूव
3. फ़र्न
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
ए) 1 और 3
बी) केवल 2
सी) 1,2,3
डी) 2 और 3
View Answerउत्तर:। सी
Q.2 निम्नलिखित में से क्या विश्व डोपिंग एजेंसी (World Anti doping Agency) द्वारा प्रतिबंधित पदार्थों की सूची मेँ है?
1. फ़्यूरोसाइड
2. कैफीन
3. एपिनेफ्रिन
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
ए) 1 और 3
बी) केवल 2
सी) 1,2,3
डी) 2 और 3
View Answerउत्तर:। ए
कैफीन, हालांकि एक उत्तेजक है, लेकिन यह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति या विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया गया है
Q.3 व्हाइट लेबल एटीएम हैं:
A) गैर बैंकिंग क्षेत्रों में स्थापित एटीएम
B) एटीएम, स्वामित्व तैनात और चालू अंतर्राष्ट्रीय सेवा संगठन द्वारा और वाणिज्यिक बैंकों द्वारा प्रायोजित है
C) बैंकों के परिसर में स्थापित एटीएम
D) एटीएम संयुक्त रूप से एक वाणिज्यिक बैंकों के नेटवर्क के समूह द्वारा स्वामित्व और प्रचालित है
View AnswerAns. B
गैर बैंकिंग निकाय की ओर से लगाए गए और चलाए जाने वाले एटीएम को व्हाइट लेबल एटीएम कहा जाता है। इन एटीएम में बैंकों के एटीएम की तरह ही सारी सहूलियतें होंगी लेकिन इन पर किसी बैंक का लेबल नहीं लगा होगा। जो एटीएम आप इस्तेमाल करते हैं, उनमें दो पक्ष शामिल होते हैं। एक पक्ष बैंक होता है जिसका यह एटीएम होता है। यह एटीएम स्थापित करता है और इसका मालिक भी होता है। साथ ही यही इसे परिचालित भी करता है। इसके अलावा दूसरा पक्ष अधिकृत पेमेंट नेटवर्क ऑपरेटर मसलन वीजा या मास्टर कार्ड होता है। व्हाइट लेबल एटीएम में तीन पक्ष शामिल होंगे। वह गैर बैंकिंग निकाय जो इसे लगाएगा। एक इसका मालिकाना हक वाला पक्ष और तीसरा इसे ऑपरेट करने वाला पेमेंट नेटवर्क। दरअसल इसमें जो स्पांसर बैंक होगा वह कैश मैनजमेंट का काम देखेगा। इसके अलावा उसे फंड सेटलमेंट और कस्टमर की शिकायत से जुड़े तंत्र को संभालना होगा। साथ ही इसे अधिकृत पेमेंट नेटवर्क का भी काम देखना होगा। कम से कम 100 करोड़ रुपये के नेटवर्थ वाला कोई भी गैर बैंकिंग निकाय इसकी स्थापना के लिए आवेदन कर सकता है।
Q.4 निम्नलिखित में से क्या शैडो बैंकिंग क्षेत्र है?
1) डाकघर बचत योजनाएं
2) गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां
3) सहकारी ऋण समितियां
Codes:
A) 1 & 3
B) Only 2
C) 2 & 3
D) Only 1
View AnswerAns. B
शैडो बैंकिंग सिस्टम एक तरह का वित्तीय लेनदेन है जो वित्तीय संस्थाएं करती हैं लेकिन इस पर सरकार की किसी तरह का कोई नियंत्रण या नियमन नहीं होता है। जो संस्थान इस सिस्टम का सहारा लेते हैं उनमें हेज फंड, मनी मार्केट फंड और स्ट्रक्चर्ड इन्वेस्टमेंट व्हेकिल आदि शामिल हैं। इन्वेस्टमेंट बैंक अपने बिजनेस का बड़ा भाग शैडो बैंकिंग व्यवस्था के माध्यम से ही चलाते हैं लेकिन ये खुद में शैडो बैंकिंग सिस्टम नहीं होते हैं। इन्वेस्टमेंट बैंकों का कामकाज केंद्रीय बैंक और दूसरे सरकारी संस्थानों की निगरानी में रहता है। लेकिन इन्वेस्टमेंट बैंक शैडो बैंकिंग के जरिए निवेश करते हैं और उसे अपनी बैलेंस शीट में भी नहीं दिखाते हैं। इस तरह के लेन देन में वर्ष 2000 के बाद जबर्दस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
Q.5 बयान:
1) राजकोषीय नीति का संबन्ध पैसे की आपूर्ति के साथ होता है जबकि मौद्रिक नीती का संबन्ध कराधान और व्यय के साथ होता है
2) दूसरी ओर मौद्रिक नीति भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लिया जाता है , जबकि राजकोषीय नीति सरकार द्वारा लिया गया है
Codes:
A) Only 1
B) Only 2
C) Both are correct
D) Both are incorrect
View AnswerAns. B
राजकोषीय नीति का संबन्ध कराधान और व्यय के साथ होता है जबकी मौद्रिक नीती का संबन्ध पैसे की आपूर्ति के साथ होता है. अर्थनीति के सन्दर्भ में, सरकार के राजस्व संग्रह (करारोपण) तथा व्यय के समुचित नियमन द्वारा अर्थव्यवस्था को वांछित दिशा देना राजकोषीय नीति (fiscal policy) कहलाता है। अतः राजकोषीय नीति के दो मुख्य औजार हैं – कर स्तर एवं ढांचे में परिवर्तन तथा विभिन्न मदों में सरकार द्वारा व्यय में परिवर्तन। मौद्रिक नीति का संचालन मुख्यतः अर्थव्यवस्था के केंद्रीय बैंक (जैसे भारत का रिज़र्व बैंक) द्वारा किया जाता है। यह बैंक तयशुदा समष्टिगत आर्थिक नीतियों के तहत सरकार के कहने पर भी कदम उठाता है और सरकार से स्वतंत्र निर्णय भी लेता है। शुरू में मौद्रिक नीति आम तौर पर केवल ब्याज दरों में परिवर्तन और खुले बाज़ार के कामकाज के आधार पर ही चलती थी। बाद में मुद्रा बाज़ार का अनुभव और अन्य मौद्रिक उपकरणों के विकास के बाद मौद्रिक नीति का संचालन उत्तरोत्तर परिष्कृत होता चला गया। अमेरिका में गवर्नरों के फ़ेडरल रिज़र्व बोर्ड ने 1913 से ही आरक्षित मुद्रा की आवश्यकताओं और अर्थव्यवस्था में सकल मुद्रा की वृद्धि का जिम्मा सँभाल रखा है। बैंक ऑफ़ इंग्लैण्ड ने 1951 के बाद से मौद्रिक नीति के संबंध में कई तरह के प्रयोग किये हैं जिनमें उपभोक्ताओं को दिये जाने वाले ऋण के नियम निर्धारित करना, अर्थव्यवस्था में तरलता (नकदी की मात्रा) को समग्र रूप से देखना और मौद्रिक आधार को नियंत्रित करना शामिल है। मौद्रिक नीति निर्धारित लक्ष्यों के हिसाब से चलती है। जैसे, कितनी मुद्रास्फीति होनी चाहिए, ब्याज दरों का कौन सा स्तर उचित होगा, बेरोज़गारी घटाने का समष्टिगत उद्देश्य कैसे पूरा किया जाए, सकल घरेलू उत्पाद कैसे बढ़ाया जाए, अर्थव्यवस्था की दीर्घकाल तक कैसे स्थिर रखा जाए, वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता के उपाय कैसे किये जाएँ, उत्पादन और दामों की स्थिरता कैसे कायम रखी जाए। मौद्रिकवाद के पैरोकार चाहते हैं कि सरकारी ख़र्च में कटौती की जाए और अर्थव्यवस्था पर लगे हुए नियंत्रण हटाये जाएँ। इनका दावा है कि अगर इतने महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों को वेधने के लिए नीति के साथ अक्सर छेड़-छाड़ की जाएगी तो परिणामों की आकस्मिकता अस्थिरता पैदा कर सकती है। इसलिए ऐसे नियम बनाये जाने चाहिए कि सरकार न तो उधार ले सके और न ही बाज़ार में मनी की सप्लाई बढ़ा सके। इन अर्थशास्त्रियों को लगता है कि मौद्रिक नीति के संचालन में सरकार और राजनेताओं को कोई हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। लेकिन, ऐसा होना व्यावहारिक रूप से सम्भव नहीं होता। मोनेटरी पॉलिसी कमेटी के सदस्यों की नियुक्तियों के ज़रिये सरकार इस नीति को प्रभावित करती रहती है। सरकार नीतिगत उद्देश्यों में तब्दीली करके और समष्टिगत नीतियों को अपने हिसाब से बदल कर स्वतंत्र मौद्रिक नीति के आग्रह को पनपने नहीं देती।
Q.6 बयान:
1) राजकोषीय प्रभाव का मुख्य प्रभाव योजना और गैर – योजना व्यय में खर्च का विभाजन है
2 ) राजस्व आय में शामिल किया जाता है जो की वित्तीय दायित्व बढा देता है
Codes:
A) Only 1
B) Only 2
C) Both are correct
D) Both are incorrect
View AnswerAns. A
राजस्व वित्तीय दायित्व नही बढाता है
Q.7 बयान:
1) राजस्व व्यय फायदेमंद हैं क्योंकी यह उत्पादक परिसंपत्तियों का उत्पादन करते हैं
2) सरकार के राजस्व अधिशेष बढ़ाने पर राजस्व कर बढ़ जाएगा
Codes :
A) Only 1
B) Only 2
C) Both are correct
D) Both are incorrect
View AnswerAns. B
राजस्व व्यय खतरनाक माना जाता है क्योंकी वे उत्पादक परिसंपत्तियों के रूप में उपज नहीं है
विभिन्न सरकारी विभागों और सेवाओं पर खर्च, ऋण पर ब्याज की अदायगी और सब्सिडियों पर होने वाले व्यय को राजस्व व्यय कहते हैं।
Q.8 निम्न में से क्या पूंजीगत प्राप्तियों में शामिल हैं?
1) ऋण वसूली
2) सरकार द्वारा उधार लेना
3) ऋण चुकौती
4 ) ऋण वितरण
5 ) केंद्रीय और राज्य सरकार का योजना व्यय
Codes :
A) 1,3,4,5
B) Only 1 & 2
C) 2,3,4,5
D) 1,2,3,4,5
View AnswerAns. B
ऋण के भुगतान , ऋण वितरण , केंद्रीय और राज्य सरकार के योजना व्यय पूंजीगत व्यय में शामिल किए गए हैं
Q.9 निम्नलिखित बयानों में से क्या प्रत्यक्ष करों के केंद्रीय बोर्ड के संदर्भ में सही है ?
1) यह राजस्व अधिनियम के तहत कानूनी अधिकार के रूप में माना जाता है
2) यह प्रत्यक्ष करों(Direct taxes) और अप्रत्यक्ष करों(Indirect taxes) के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है
Codes :
A) Only 1
B) Only 2
C) Both are correct
D) Both are incorrect
View AnswerAns. A
1 जनवरी 1964 को केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को प्रभारित किया गया, जिसे भारत के विभिन्न प्रत्यक्ष करों का अधिकार दिया गया और यह केन्द्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अपने अधिकार प्राप्त करता है. सीबीडीटी, वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग का एक अंग है. एक तरफ से, सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष करों की नीति और योजना को एक आवश्यक निवेश प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानून के प्रशासन के लिए भी जिम्मेदार है.
One Comment on वैकल्पिक प्रश्न सैट – 27 (यह सवाल “THE HINDU ” और विकिपीडिया से बनाये गए हैं)
Vania
2024-03-16
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